ठंड मे महिलाएं पियें अधिक
पानी, दूर करें परेशानी
अक्सर
भाग दौड भरी जिंदगी में महिलाएं इतनी व्यस्त हो जाती है कि वे आवश्यक चीजें जैसे
पानी पीना तक भूल जाती है. अगर आप भी ऐसी महिलाओं में से एक है तो आप जाने अनजाने
में कई सारी बीमारियों को न्यौता दे रही हैं अक्सर सर्दियों में प्यास कम लगने के
कारण कम पानी पीना पेट में जलन,संक्रमण या बीमारियों का कारण बन सकता है।
चिकित्सकों का कहना है कि यह समस्या महिलाओं में विशेष तौर पर हो सकती है।
अत्याधुनिक सुविधाओं और भाग दौङ भरी जिंदगी में ऐसा होना आम बात है, जिससे विभिन्न
प्रकार की बीमारियां महिलाओं में बढ़
रहीं हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृष्णा
ने बताया कि “पुरुषों
की तुलना में महिलाओं को अधिक बीमारियों का खतरा होता है ऐसे में कम पानी पीने से
मूत्राशय संबंधी
बीमारियां होने का खतरा अधिक रहता है। वैसे तो इन बीमारियों के लक्षण
हर आयु वर्ग की महिलाओं मे हो सकते हैं लेकिन युवतियों और रजोनिव्रत्ति
के निकट पहुँच
चुकी महिलाओं में यह समस्या होने का खतरा अधिक होता है।“ हर
साल 15 प्रतिशत महिलाएं मूत्राशय संबंधी समस्या से ग्रसित हो
रहीं हैं । और
कम से कम 7.5 प्रतिशत महिलाओं के जीवन में यह समस्या एक बार जरुर
होती है। पुरुषों की तुलना में कम पानी पीने से महिलाओं को मूत्राशय संबंधी बीमारी
का जोखिम आठ गुना आधिक होता है ।
डॉक्टरों के
अनुसार नव-युवतियों में कम पानी पीने की समस्या बढ़
रही है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां उम्र से पहले उन्हें अपनी चपेट में ले
लेतीं हैं महिलाओं को सार्वजनिक शौंचालय के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए इससे संक्रमण
का खतरा अधिक
बढ़ जाता है। चिकित्सकों के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 12 ग्लास पानी पीने की सलाह दी जाती
हैं, ताकि महिलाओ में संक्रमण आदि को लगातार शरीर से बाहर निकाला जा सके । महिलाओं
के शरीर में पानी की कमी होने से पेशाब करते समय जलन होना,कम पेशाब
आना और कमर के निचले हिस्से में दर्द तथा बुखार आदि की समस्या हो सकती है। महिलाओं
को हर तीन से छह महीने में एक बार अपने शरीर की माइक्रोस्कोपिक जांच कराने की सलाह
चिकित्सक देते हैं ।
इन समस्याओं से बचने के लिए करौंदे का जूस पीना सबसे
लाभदायक होता हैं. अगर महिलाऐं स्वच्छता पर अधिक ध्यान दें तो इससे बचा जा सकता
है।
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