Monday, 3 February 2014

महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए उठाए कदम

गाजियाबाद ।
शुक्रवार को कविनगर में मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने एक महिला से लूटपाट की। युवकों ने महिला से उसके गहने व पैसे जबरन छीन लिए। महिलाओं से छेड़छाड़ और चेन छीनने की घटनाऐं शहर में आम हो गई हैं। गाजियाबाद मे हो रहे ऐसे अपराधों से मुक्ति पाने के लिए महिलाओं ने अपनी सुरक्षा स्वयं करने की ठान ली है। बढते अपराध के कारण पुलिस भी उन्हें सुरक्षा देने में असमर्थ है
स्त्रियों ने अपना बचाव करने के तरीके खोजने शुरु  कर दिये हैं, शास्त्रीनगर निवासी अंजू मिश्रा का कहना है कि अब शहर में कुछ महिलाओं ने बंदूक का इस्तेमाल करने लगी हैं राजनगर सेक्टर ७ में मनीषा तिवारी के घर चोरी करने के इरादे से घुसे लुटेरों पर उन्होंने फाइरिंग की जिससे चोर भाग गये वर्तमान मे शहर में बंदूक लाइसेंस आवेदकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.  2008  की तुलना में करीब 3,000 अधिक बंदूक के लाइसेंस के लिए 13,000 आवेदनों की अर्जी इस वर्ष लगाई गई है। बंदूक के लाइसेंस के लिए महिलाओं के आवेदकों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ रही है, गाजियाबाद के मजिस्ट्रेट का कहा है कि हथियार लाइसेंस के आवेदनपत्रों मे महिलाओं की लाइसेंस प्राप्ती की संख्या बढी है। उनका कहना है कि महिलाओं को लाइसेंस देने से उनकी आत्मसुरक्षा बढेगी ।      
कई महिलाऐं अपने पति और भाइयों से संबंधित हथियारों का प्रयोग शूट करने के लिए सीख रहीं हैं। इस तरह के 'प्रशिक्षण' आमतौर पर अपने घरों की गुप्त दायरे में होते हैं ।  एक वैध लाइसेंस के अभाव में उन्हें परेशान नहीं करता है।  यहां मुद्दा सुरक्षा है और पुलिस उन्हें वह प्रदान नहीं करा सकती है । शालीमार गार्डन मे रहने वाली अंजली श्रीवास्तव का कहना है कि २००९ मे उनके घर हुई लूटपाट के बाद से अब वह अपनी सुरक्षा के लिए पति की पिस्तौल का इस्तेमाल करती हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि आवेदकों में ३० से ४५ वर्ष की महिलाओं संख्या अधिक है। अब यहाँ की महिलाएं दिन मे भी खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं । गाजियाबाद के एक कराटे स्कूल के प्रशासक अनिल कौशिक का कहना कि अब महिलाएं पहले की तुलना मे अधिक जूडोकराटे सीखने मे रुचि ले रहीं हैं। उनका कहना है करीब २०००  लड़कियों और महिलाओं को  मेरे द्वारा मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित किया गया है।
मौजूदा समय मे महिलाओं मे खुद की सुरक्षा के लिए प्रयास करना शुरु कर दिया है, मिर्ची पाउडर जैसी तमाम चीजों को लड़कियां  और महिलाएं  हर वक्त अपने साथ रखने पर मजबूर हैं। यहां तक की अब इन्हें खुद की इतनी असुरक्षा महसूस होने लगी है कि कुछ महिलाएं और लड़कियां अब लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल करने लगीं हैं।

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