एन.सी.आर के
अधिकतर स्पोर्टस् स्टेड़ियम क्रिकेट की तरफ अधिक ध्यान केंद्रित कर रहें है। और राष्ट्रीय खेल हॉकी की ओर ध्यान न के बराबर
है। हॉकी की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। एन.सी.आर में हॉकी की दयनीय दशा को
सुधारने के लिए प्रदेश में कोई विशेष योजना या पहल के तहत कार्य नहीं हो रहा है।
महामाया स्टेडियम की इंचार्ज संतोष का कहना है कि खिलाड़ियों के
पास खेलने के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं है।
खिलाड़ियों में हॉकी के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए कोई विशेष योजना नहीं है।
इसलिए सुविधाओं के अभाव में हॉकी खिलाड़ियों
की संख्या घट रही है।
सरकार की ओर से एन.सी.आर. में कोई भी सैपरेट हॉकी स्टेड़ियम नहीं बनवाया
गया है। गाजियाबाद के महामाया स्टेड़ियम को छोड़ दिया जाए तो नोएड़ा गाज़ियाबाद
में अन्य ऐसा कोई स्टेड़ियम नहीं है जिसमें हॉकी की कोचिंग दी जाती हो।
मोहननगर स्थित “मोहन
स्पोर्टस स्टेड़ियम” के कोच राकेश शर्मा
का कहना है कि उनके पास हॉकी के लिए स्पेस नहीं है जबकि वहां पैसे लेकर क्रिकेट के
लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं स्टेडियम में आए दिन शादी का पंड़ाल देखने
को मिल ही जाता है। इसी तरह क्रिकेट को ध्यान में रखते हुए नोएड़ा ऑथरटी
एक बडे क्रिकेट स्टेड़ियम का निर्माण कर रही है। लेकिन यहां भी हॉकी के लिए कोई विशेष पहल नहीं
की जा रही है।
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