Thursday 6 February 2014

ट्रैफिक का सरदर्द बना... ई-रिक्शा

जहां एक ओर दिल्ली में भीड़-भाड़ के चलते आये दिन ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है वहीं बिजली से चलने वाले ई-
रिक्शा चालकों की बढ़ती तदाद और मनमर्जी के चलते ट्रैफिक पुलिस और अन्य मोटर वाहनों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।बीच सड़क पर सवारी बिठाने और अनिश्चित रूट में प्रवेश करने से ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है साथ ही शहर में इन रिक्शों की संख्या में दिन दो गुनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है.
 2014 में दिल्ली में ई रिक्शा की संख्या 6000 से
बढ़कर 50000 हो गई है।


पुलिस इन रिक्शा चालकों के द्वारा मोटर व्हीक्ल एक्ट की अनदेखी से परेशान है.जहां ई रिक्शा बनाने वाली कंपनियों ने इन रिक्शों के लिए 250 वॉट की क्षमता वाली मोटर लगायी है वही रिक्शा चालक अपने लाभ के लिए पांच सवारी बैठाने और स्पीड बढाने के लिए इनमें 650 से 850 वॉट तक की क्षमता वाली मोटर बैटरी का प्रयोग कर रहे हैं। जो अवैध होने के साथ ही खतरनाक भी है.
      
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने ई-रिक्शा की बिक्री पर रोक लगते हुए कहा था कि "ये ट्रैफिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने और मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वाला है। इसके बावजूद भी निजी कंपनियों ने इन यात्री ई-रिक्शा का निर्माण करना बंद नहीं किया।हैरत की बात ये है कि इसकी बिक्री आगरा और साहिबाबाद में धड़ल्ले से हो रही है.

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